स्मृति, सुषमा और एकता: महिला क्रिकेट की ‘नई’ सनसनी
क्रिकेट की चैंपियंस ट्रॉफी खत्म हो चुकी थी, भारत का वेस्टइंडीज दौरा शुरू होनेवाला था| लेकिन इन सबसे अलग एक और बड़ा टूर्नामेंट शुरू हो रहा था, जिसपर शायद हीं किसी का ध्यान गया|जिसका ध्यान गया भी, उसनें अपनी नजरें तिरछी कर ली क्योंकि यह महिलाओं का विश्वकप था|
महिला क्रिकेट में ब्रॉडकास्टर्स को वो टीआरपी कहाँ मिलती, विज्ञापनदाता भी अपनी कमाई ऐसी जगह खोजते हैं जहाँ उनका फायदा हो|यही कुछ कारण थे जिसने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन जैसे सरकारी प्रसारणकर्ताओं को प्रेरित किया , कि वे वेस्टइंडीज और इंडिया की मेंस टीम के सीरीज का प्रसारण करें लेकिन महिला क्रिकेट टीम के मैचों के प्रसारण में थोड़ा भी रिस्क न लें|
भारत में महिला सशक्तिकरण की बात करना, वो भी क्रिकेट में, ठीक वैसा हीं है, जैसे पाकिस्तान से आतंकवाद खत्म करना|भला हो स्टार नेटवर्क का, जिसनें महिला क्रिकेट के मैचों का प्रसारण कर लाखो क्रिकेटप्रेमियों को निराश नहीं होने दिया|इसका एक पहलू ये भी है, कि ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, और वेस्टइंडीज जैसी टीमों के सामनें भारतीय टीम को कमजोर आँका जा रहा था| ये कोई और नहीं भारतीय मीडिया और इन्वेस्टर्स हीं थे, जिसनें मिताली राज की टीम को वैल्यू देना उचित नहीं समझा|तभी तो, एक रिपोर्टर नें मिताली से सवाल किया कि उनका फेवरेट मेल क्रिकेटर कौन है? जो जवाब मिला, वो तो अपने आप में ऐतिहासिक है|
23 जून को डर्बी काउंटी ग्राउंड पर मेजबान इंग्लैंड को भारतीय महिलाओं नें जब पटखनी दी, तो एकाएक पूरे भारत से महिला टीम को समर्थन मिलनें लगा, एक उम्मीद की किरण दिखाई दी|स्मृति मंधाना, दीप्ति शर्मा, पूनम राऊत, मिताली राज नें एकाएक भारत को टॉप टीम की श्रेणी में ला दिया|अगला मैच वेस्टइंडीज से था| यह वही मैच था जिसने भारतीय लड़कों के मन में स्मृति मंधाना के लिए क्रश या यूँ कहें कि प्यार पैदा किया| मंधाना के शानदार 106 रन नें भारतीय ट्विटरबाजों को ‘लव यू मंधाना’ कहने पर मजबूर कर दिया|महाराष्ट्र के सांगली की मुस्कुराती चेहरे वाली मंधाना, यूथ आइकॉन बन गईं |
अगला मैच 2 जुलाई को जानी-दुश्मन पाकिस्तान से था, और इस समय तक महिला क्रिकेट भारत में ट्रेंड कर रहा था|किसी भी खेल में किसी भी स्तर का मैच हो, लेकिन पाकिस्तान से मैच तो आन बान शान का मामला हो जाता है| पहले बैटिंग करते हुए भारत 34वें ओवर में 107 रन पर पाँच अहम विकेट गँवा चुका था|
मिताली, मंधाना, हरमनप्रीत, पूनम और दीप्ति पवेलियन में थी, मोना मेशराम क्रीज पर तो थी, लेकिन संघर्ष कर रही थीं|क्रीज पर आई विकेटकीपर सुषमा वर्मा… सुंदर चेहरा,मीडियम हाईट, चेहरे पर मुस्कान….. लग नहीं रहा कि दबाव नाम की चीज भी होती है|हिमाचल की रहने वाली सुषमा इससे पहले 2014 में वनडे डेब्यू के बाद 22 ओडीआई में मात्र 56 गेंद खेली थीं, जिसमें उनके 13 रन थें, तब जबकि वे रेगुलर टीम में थी|टीम की बल्लेबाजी इतनी मजबूत है कि निचले क्रम में सुषमा वर्मा को मौका हीं नहीं मिलता था|8वें नंबर पर बैटिंग करने वाली वर्मा, पाक के खिलाफ 7वें नंबर पर आई|
टीम संकट में थी, जवाबदेही खुद को साबित करने की|सुषमा नें झूलन गोस्वामी के साथ न केवल पार्टनरशिप की, बल्कि तेजी से 35 गेंद में 33 रन बनाकर टीम को 169 के स्कोर तक पहुँचाया, जहाँ से गेंदबाज जीत की ओर ले जा सकते थे|मैच के बाद सुषमा ने कहा ‘मै तो मौके के इंतजार मे थी’| बारी अब गेंदबाजों की थी, और शुरूआत में हीं लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिनर एकता बिष्ट को मिताली नें अटैक पर लगाया|एकता बिष्ट नें 2012 में टी20 विश्वकप में हैट्रिक विकेट लेकर एकता की पाकिस्तान से पुरानी दुश्मनी है, इसी वर्ष वर्ल्डकप क्वालीफायर में उन्होनें 10ओवर 7मेडन 8रन और 5विकेट के सनसनीखेज आँकड़े दर्ज किए थे, इसलिए मिताली का विश्वास दिखाना गलत नहीं था|
एकता नें निराश भी नहीं किया, आएशा जफर जैसे विस्फोटक बैटर को 1 रन पर एलबीडब्ल्यू करके पाक को तगड़ा झटका दिया|इसके बाद सिदरा नवाज, इर्रम जावेद, नाशरा संधू और डायना बेग को बाइज्जत ग्राउंड से बाहर किया|आँकड़ें 31वर्षीय बिष्ट की कहानी बयां कर रहे थे 10ओवर 2मेडन 18रन और 5विकेट…. पाकिस्तान, इतने कम रनों के सामनें भी टूट चुका था… 26 रन पर 6 विकेट आउट थे|ऐसी हालत से पाकिस्तान उबर नहीं पाया और 74 रन पर सभी खिलाड़ियों नें सरेंडर कर दिया|अल्मोड़ा की एकता को अपने हीं राज्य की मानसी जोशी से अच्छा साथ मिला, जिन्होनें 6.1-2-9-2 के आँकड़े दर्ज किए| भारत 95 रन से जीत गया था, ट्विटर पर भारतीय महिलाएँ ट्रेंड कर रही थी, पूरा भारत बधाई संदेश भेज रहा था|आखिर ऐसा हो भी क्यों न, भारत की पुरूष टीम जो नहीं कर पायी, लेडीज नें वह कारनामा किया|
भारत की यह विश्वकप में लगातार चौथी जबकि इस विश्वकप की लगातार तीसरी जीत थी|टीम सभी को पछाड़कर 1.110 की बेहतरीन रनरेट के साथ टॉप पर है|जिस तरह से पाकिस्तान से जीत के बाद भारतीय महिलाओं को सराहा जा रहा है, उसका ज्यादा कारण पाकिस्तान से बदला लेनें में मिली सफलता है|आनेवाले दिनों में भारतीय टीम को 5 को श्रीलंका, 8 को साउथ अफ्रीका, 12 को ऑस्ट्रेलिया और 15 को न्यूजीलैंड से दो दो हाथ करनें हैं|
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत को वैसा हीं सपोर्ट अपने देशवासियों से आनेवाले मैचों में भी मिलेगा या सिर्फ ये पाकिस्तान के लिए था|मिताली के योद्धा जिस तरह खेल रहें हैं, सेमीफाइनल का रास्ता बिल्कुल नजदीक नजर आ रहा है| भारत की ‘सनसनी’ तिकड़ी स्मृति, सुषमा और बिष्ट से लोगों की उम्मीद और बढ़ गई है, जबकि मिताली, झूलन और हरमनप्रीत की अनुभवी तिकड़ी को अपना काम लगातार जारी रखना है|
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