भाजपा के ‘चाणक्य’ की चाल में एक बार फिर फंसी कांग्रेस, हाथ से निकला गोवा
गोवा के सीएम मनोहर पार्रिकर की खराब तबियत की वजह से राजनीतिक संकट बना हुआ है. पर्रिकर गंभीर रूप से बीमार है. बीजेपी नें उनके जगह किसी दूसरे को सीएम बनानें की अटकलों के खत्म कर दिया है. ये देखते हुए विपक्षी कांग्रेस नें सरकार बनानें की कोशिशें तेज कर दी थी. लेकिन यह बात बीजेपी के ‘चाणक्य’ अमित शाह के कान में जैसे हीं पड़ी. मामला कांग्रेस के लिए ठीक उल्टा पड़ गया. अपनी चतुर रणनीति के लिए प्रसिद्ध शाह नें विपक्षी पार्टी में हीं सेंध लगा दी.
गोवा विधानसभा की स्थिति
गोवा में कुल 40 विधायक हैं जिसमें सरकार बनानें के लिए 21 विधायकों की जरूरत होती है. सत्तारूढ़ भाजपा के 14 विधायक हैं जबकि महाराष्ट्र गोवांतक पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन तीन तथा तीन निर्दलीय विधायकों के सहयोग से कुल 23 विधायकों के साथ मिलकर सरकार चला रही है. कायदे से देखा जाए तो कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है.उसके कुल 16 विधायक है जबकि भाजपा के 14.
लेकिन अमित शाह के रणनीति का हीं कमाल था कि गोवा में भाजपा की सरकार बनी. आज जब सरकार पर संकट था, एकबार फिर शाह नें मोर्चा संभाला. कांग्रेस के दो विधायक दयानंद सोपते और सुभाष शिरोदकर नें आज नई दिल्ली में शाह से मुलाकात की. फिर बाहर आकर अपनें को बीजेपी में शामिल होनें की घोषणा कर दी. इसके बाद गोवा जाकर दोनों नें विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
अब क्या
दो विधायक के इस्तीफे से कुल बचे विधायक है 38, बहुमत के लिए जरूरी होगा 20. बीजेपी के पास पहले से 23 विधायकोॉ का समर्थन है लेकिन परिवर्तन यह हुआ कि अब कांग्रेस से सबसे बड़ी पार्टी का तमगा छीन गया है. अगर किसी भी तरह का संवैधानिक संकट आता है तो राज्यपाल पहले भाजपा को हीं सरकार बनानें का न्योता देंगे. शाह की एक शतरंजी चाल नें गोवा में कांग्रेस के सरकार में आनें की संभावनाओं की लगभग समाप्त कर दिया है.