चीन के बहिष्कार में पूरा देश एक साथ, दिल्ली और मथुरा में नहीं रह पाएंगे चीनी पर्यटक
भारत और चीन के बीच सीमा पर चल रहें तनाव का असर देश भर में साफ तौर पर देखा और महसूस किया जा रहा है। हर तरफ चीनी सामानों के बहिष्कार को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच राजधानी दिल्ली से खबर है कि दिल्ली में छोटे और किफायदी दरों पर सेवा देने वाले 3,000 होटल और रेस्त्रों के संगठन ने चीनी सामान के बहिष्कार के साथ वहां के नागरिकों को ठहरने के लिए कमरा नहीं देने का निर्णय किया है।
दिल्ली होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स ओनर्स एसोसिएशन ने छोटे व्यापारियों के संगठन कैट को पत्र लिखकर इसके बारे में सूचना दी है। समूह ने कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अभियान को पूरा समर्थन देने का निर्णय किया है। साथ ही उन्होंने अपने-अपने होटल और रेस्त्रां में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन से करीब 3,000 होटल और रेस्त्रां जुड़े हैं। इन होटलों में 5 से 6 प्रतिशत बुकिंग चीनी नागरिकों की होती है।
इसके साथ ही तीर्थनगरी मथुरा-वृंदावन के होटल संचालकों ने भी यह फैसला लिया है। अब चीनी नागरिक तीर्थनगरी के होटलों में नहीं ठहर पाएंगे। संगठन के महामंत्री अमित जैन बताया कि मथुरा-वृंदावन होटल ऑनर्स एसोसिएशन सीएआईटी के अभियान के साथ है, जिसमें चीनी वस्तुओं के बहिष्कार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आत्मनिर्भर भारत व लोकल से वोकल और कैट के ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ को पूरे ब्रज क्षेत्र में जनमानस तक लेकर जाएंगे।
इसी के तहत मथुरा-वृंदावन के होटल संचालकों ने चीनी नागरिकों को कमरा न देने और मेन्यू कार्ड से चाइनीज फूड को हटाने का फैसला लिया है। चीन के द्वारा लगातार हो काली करतूतों से पूरा देश त्रस्त है। इसमें इस तरह की पहल सराहनीय है ।
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