पापा मेरे पापा….
डैड्स...
पापाज़..
बाबाज़..
शब्द अनेक हैं लेकिन रिश्ता एक ही.. पापा। पापा के बारे में मैं क्या बोलू ..
लड़कियों की पहली मोहब्बत है पापा, लड़कों के पहले दोस्त हैं पापा.. मम्मी की डांट से बचाने वाले हैं पापा, हमारे हर सपने को पूरा करने वाले हैं पापा, हमारे एफर्ट्स को एप्रिशिएट करने वाले हैं पापा।
कहते हैं ना हमे दुनिया मे लाने वाली माँ होती है लेकिन हमें दुनिया मे जीना पापा सिखाते हैं।
वैसे तो ये पापाज़ दुनिया के लिए ऑर्डिनरी मैन होते हैं लेकिन उनके बच्चों के लिए वो किसी सुपरहीरो से कम नही। सुपरहीरो की तरह अपने बच्चों को प्रोटेक्ट करने वाले होते हैं पापा, सुपरहीरो की तरह अपने बच्चों की हर विश पूरी करने वाले होते हैं पापा। अब, आप ही बताओ क्या सुपरहीरो से कम होतें हैं ये पापाज़ ?
कभी उन बच्चों से जाके पूछो पापा की अहमियत जिनको उनके पापा का साथ नही मिला, शायद उस समय हमारे शब्द भी कम पर जाएंगे पापा को डिफाइन करने के लिए… शुक्र मानो ए दोस्त की आपके ज़िंदगी मे एक सुपरहीरो है। कुछ बच्चों को तो सुपरहीरो का मतलब भी नही पता..
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माँ-पापा दोनों का कोई कमपैरिजन नही है लेकिन हर इंसान इन दोनों के बिना अधूरा है, दुआ करो कि जिंदगी भर का साथ मिले इनका। दुनिया की हर खुशी मिले इन्हें.. भूलों मत ये दुनिया गोल है ए दोस्तों, अगर आज इनकी आँखों में हमारी वजह से नमी आई तो कल हमारे बच्चें भी हमारे आँखों को सुखा नही रखेंगे।