TMC सांसद नुसरत जहां ने बताया, आखिर क्यों जय श्रीराम के नारे से नाराज हुई थी ममता बनर्जी?
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसे लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी लगातार तीसरी बार प्रदेश में सरकार बनाने की कोशिशों में लगी है। तो वहीं दूसरी ओर टीएमसी को भारतीय जनता पार्टी से कड़ी टक्कर भी देखने को मिल रही है। पिछले दिनों इन दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबर भी सामने आई थी।
जनवरी महीने के अंत में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कोलकाता में मंच साझा किया था। लेकिन जैसे सीएम बनर्जी ने अपना संबोधन शुरु किया, कुछ लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगा दिए। जिससे ममता बनर्जी नाराज हो गई और अपना संबोधन बीच में ही छोड़ दिया था। अब टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने बताया है कि आखिर जय श्रीराम के नारे पर ममता बनर्जी नाराज क्यों हो जाती है?
नेताजी के जन्म समारोह को बीजेपी ने बना दिया था राजनीतिक इवेंट
टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने कहा है कि नेताजी बोस के कार्यक्रम में राम का नारा चिढ़ाने के मकसद से लगाया गया था। ऐसे में बार-बार एक ही नारे के प्रयोग से गुस्सा आना लाजमी है। उन्होंने कहा, हमें राम नाम से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन बीजेपी ने नेताजी के जन्म समारोह को अपना इवेंट बना दिया।
टीएमसी नेता ने सवाल उठाए कि क्या राम का नाम आप किसी को चिढ़ाने के लिए लेते हैं? राम के अलावा बाकी भगवान के नाम से परहेज क्यों? उन्होंने कहा, बीजेपी ने कोलकाता में हुए उस कार्यक्रम को राजनीतिक इवेंट में परिवर्तित कर दिया। टीएमसी सांसद ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि जय श्रीराम बीजेपी का स्लोगन नहीं है तो मां माटी मानुष भी टीएमसी का स्लोगन नहीं है।
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लगातार बीजेपी में शामिल हो रहे टीएमसी नेता
बता दें, बंगाल में आने वाले कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक पार्टियां प्रदेश में काफी सक्रिय हो गई है। टीएमसी के नेता एक-एक कर पार्टी छोड़ रहे हैं और बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। साथ ही बीजेपी नेताओं की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि चुनाव के समय तक ममता बनर्जी बिल्कुल अकेले पड़ जाएंगी।
हालांकि, बंगाल में ममता बनर्जी का शुरु से ही वर्चस्व रहा है। पिछले दो विधानसभा चुनावों में उन्होंने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई है। जबकि बीजेपी का प्रदर्शन बदतर रहा है। विधानसभा चुनाव 2016 में बीजेपी को 3 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। ऐसे में बीजेपी का 3 सीटों से 200 सीटों तक का सफर आसान नहीं है।
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