राजनीतिक उबाल और बिहार से युवाओ का पलायन
बिहार केवल एक ऐसा राज्य बनकर रह गया है जहां सिर्फ सत्ता मे बने रहने के लिए अब राजनीति होती है और विकास तो जैसे सिर्फ यहां के युवाओं के सपनो मे आती हो और राजनीतज्ञों के विकास मॉडल पर नजर आती है शायद यह बिमारी बिहार को ऐसे जकड़ चुकी की है मानो वहां के राजनीतज्ञों के लिए सत्ता हीं माई-बाप हो गया हो क्योंकि हर कोई कुर्सी कुमार बनना चाहता है और उसके लिए उसे गठबंधन या महागठबंधन भी करना पड़ता है तो भी वो पीछे नहीं हटता है ।
चाहें उस पार्टी के उपर कितने भी क्रप्सन के चार्जेज लगे हों उससे उसे कोई फर्क नहा परता और सबसे दिलचस्प बात यह होती है कि अगर उस पार्टी से उसे फायदा नही मिल पाता है और थोड़ा भी कुर्सी जाने का भय हो तो वहां के कुर्सी कुमार तुरंत दूसरे ऑप्शन के तलाश मे जुट जाते है और उन्हे कितनी भी मुसक्कत करना परे वो पीछे नहीं हटते और वो अंतत: कुर्सी कुमार बन जाते हैं लेकिन अगर बात उन युवाओं की करें जिनसे कुर्सी कुमारों ने कुर्सी कुमार बनने के लिए कोरे वादे किए थे और वो वादे सिर्फ वादे बन कर ही रह जाते हैं और टूटता है तो युवाओं का भरोसा और अंत मे एक वक्त आता है जब बेरोजगारी उन्हें जकड़ लेती है और वो अपना सबकुछ छोड़ कर रोजगार की तलास मे वहां से पलायन कर अन्य राज्यों मे आकर रहने लगते है ।
और किसी तरह वहां के कुर्सी कुमारों का पांच साल नीकल जाता है और फिर वही दिन आता है और फिर वही कोरे वादे और फिर वही युवाओं का भरोसा और एक और कुर्सी कुमार और फिर पलायन । चुनाव के वक्त उन्हें वहां के युवा भविष्य याद आता है और उनके भविष्य गढ़ने का कोरे वादे कर उनका वोट अपनी झोली मे ड़ाल लेते हैं और हर चुनाव मे युवाओं का यही आस होता है कि शायद इस बार की सरकार उनके मतलब के हों और शायद उन्हें इस बार कोइ रोजगार मुहैया करा सके और फिर युवाओं के हाथों से उनका भरोसा फिसल जाता है ।और अंत मे सिर्फ सवाल वही की कबतक ऐसा होता रहेगा और कबतक वहां से युवा पलायन करते रहेंगे और कब तक वहां के राजनीतज्ञ कुर्सी कुमार बनते रहेंगे ।
जो भी नई सरकार आती है वो सिर्फ फिछली सरकार पर आरोप लगाती है उसने क्या किया तो साहब आप भी तो कई वर्षों से सत्ता मे हैं तो आप ने क्या किया चुनावों मे सिर्फ विकास का मॉडल तैयार करने से नहीं होता है उस पर अमल भी करना होता है और चुनाव जीतने के बाद सरकार वहीँ भुल जाती है । मेरा मानना है आप कुर्सी कुमार बनीए लेकिन उसके साथ साथ रोजगार के आसार को भी बढाने का काम करीए ताकि आपके राज्य से युवाओं का पलायन रुक सके ।
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