अगर गांगुली नही देते ये कुर्बानी तो धोनी नही बन पाते एक महान खिलाड़ी
महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट की दुनिया का एक ऐसा नाम जो भारतीय क्रिकेट के लिए कई इतिहास रचे। एक ऐसा कप्तान जिसकी गिनती विश्व के सफलतम कप्तानों में होती हो। जिसके फैसले बड़े-बड़े क्रिकेट के जानकारों और एक्सपर्ट्स को सदमे में डाल दें । 2007 के टी-20 वर्ल्डकप से 2011 के ओडीआई वर्ल्डकप तक और बीच मे एशिया कप, चैंपियंस ट्रॉफी जैसे खिताबों को भारत के झोली में डालने वाले महेंद्र सिंह धोनी की राह बिल्कुल आसान नही थी। रांची जैसे छोटे शहरों से निकलकर अपने इतने बड़े सपनों की पंखों को उड़ान देना यकीन मानिए बिल्कुल भी आसान नही था।
भारत के इस कैप्टन कूल की कहानी से आज हर कोई वाकिब है क्योंकि उन पर हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री एक बायोपिक बना चुकी है। धोनी का ये सफ़र ए संघर्ष और फिर मिली अपार सफलता एक सपना सा ही लगता है।
लेकिन, भारत के पूर्व ओपनर विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने हाल ही में इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा है कि धोनी को मिली इस अपार सफलता के पीछे दादा (सौरव गांगुली) का हाथ है । सहवाग ने इस इंटरव्यू में बताया कि धोनी ने 2004 में दादा की कप्तानी में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था और एक साल के अंदर ही उन्होंने उन्होंने पहले पाकिस्तान के खिलाफ 148 रन और फिर श्रीलंका के खिलाफ 183 रन की शानदार पारी खेल सबको अपना कायल बना लिया था।
बैटिंग आर्डर के साथ हो रहा था प्रयोग
सहवाग ने आगे कहा कि ‘उस समय हम बैटिंग आर्डर के साथ प्रयोग कर रहे थे। हमने तय किया था कि हमारी ओपेनिंग अच्छी रही तो सौरव गांगुली नम्बर 3 पर बैटिंग कर आएंगे लेकिन अगर ओपेनिंग अच्छी नही रही तो हमारे पिंच हीटर इरफान पठान या फिर धोनी को तेजी से रन बनाने के लिए भेजेंगे। उस समय दादा ने 3-4 मैचों में धोनी को नम्बर 3 पर बैटिंग करने के लिए भेजा और ये सब जानते हैं कि धोनी नंबर 3 पर ही एक पिंच हिटर के तौर पर उभरे।
बकौल सहवाग, ऐसे बहुत कम खिलाड़ी हुए हैं जो किसी और खिलाड़ी के लिए पहले तो अपना ओपेनिंग स्पॉट छोड़ दें और बाद में नंबर 3 भी धोनी पर कुर्बान कर दें। अगर दादा ने ऐसा ना किया होता तो धोनी इतने महान खिलाड़ी नही बनते। गांगुली हमेशा नए खिलाड़ियों को मौका देने में विश्वास रखते थे।
बता दें सौरव गांगुली ने अपना नंबर 1 यानी ओपेनिंग स्पॉट वीरेंद्र सहवाग के लिए छोड़ दी थी। सहवाग से पहले भारत के लिए ओपेनिंग सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली किया करते थे जो भारत की वन ऑफ द बेस्ट ओपेनिंग जोड़ी थी।
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