कहानी: मेरी प्यारी सलोनी (वो चिड़िया नहीं जिन्दगी थी मेरी)
मैं बाहर अपने बागान में सो रहा था क्योकि गर्मी बहुत थी और मुझे प्राकृतिक हवाओं में नींद अच्छी आती
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मैं बाहर अपने बागान में सो रहा था क्योकि गर्मी बहुत थी और मुझे प्राकृतिक हवाओं में नींद अच्छी आती
Read moreइस कहानी का पहला भाग यहाँ क्लिक कर पढ़ें : बीहड़,मैं और लड़की क्रमशः बारिश जोरों पर थी नैना के बापू अभी
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